(1) राजस्थान के एकीकरण के सभी चरण समझाइये ?(100 शब्द)

पूर्वी राजस्थान के प्रमुख मेले एवं त्यौहार

पूर्वी राजस्थान के प्रमुख मेले
(1) भोजन थाली मेला – कामा (भरतपुर) भाद्रपद शुक्ल पंचमी को लगता है
(2) गंगा दशहरा मेला – कामा जेष्ठ शुक्ल सप्तमी से द्वादशी तक
(3) महावीर जी का मेला – करौली जिले में चैत्र शुक्ल त्रयोदशी से वैशाख कृष्ण द्वितीय
(4) कैला देवी मंदिर मेला – करौली चैत्र शुक्ल प्रथम से दशमी
त्योहार –
(1) ब्रिज होली – भरतपुर ब्रज क्षेत्र में आता है यहां ब्रज होली धूमधाम से मनाई जाती है इस ब्रिज महोत्सव भी कहते हैं यह त्यौहार फाल्गुन महीने में 3 दिन तक चलता है
(2) नागौर महोत्सव – यह 18 दिन का त्यौहार महिलाओं द्वारा अपने वर की लंबी कामना द्वारा अच्छे वर की प्राप्ति की कामना करती है

राजस्थान चित्र शैली की विशेषताएं
पर राजस्थान की चित्र शैली में निम्नलिखित विशेषताएं लिखित है
(1) लोक जीवन का परिचय – भक्ति चित्रों में विकसित राजस्थानी चित्रकला में लोक जीवन का विशेष चित्रण रहा
प्रारंभिक चित्रण में सादगी और सरलता फिके रंगों का प्रयोग हुआ
(2) वैश्य विविधता – राजस्थानी चित्रकला में विषयों की विविधता है
राधा कृष्ण की विभिन्न लीलाएं, राम कथाएं, राग रागिनी, बारहमासा, ऋतु वर्जन, दरबारी जीवन शिकार, राजा रानियों का चित्रांकन लोक कथाएं

(3) प्रकृति का चित्रण – राजस्थानी चित्रकला में प्रकृति का चित्रण अधिक हुआ है
उदाहरण – कमलप्रीत सरोवर, काले बादलों वाला आकाश, वन हपवन, मथुर, हाथी, घोड़े, मृग, आकृति वृक्षों का चित्रांकन
(4) देश काल की अनुरूपता – राज पुत्री संपदा संस्कृति तथा तत्कालीन जन जीवन का वर्णन
भक्ति कलाकार सजीव चित्रण –
दुर्ग, प्रसाद, मंदिर, हवेलिया आदि का राज पुत्री वैभव चित्रकला का आरीभी से चित्रण मिला है

निंबार्क संप्रदाय –
निंबार्क संप्रदाय की प्रथम पीठ सलेमाबाद में स्थित है 2019 में सलेमाबाद का नाम बदलकर निंबार्क नगर करने का निर्णय लिया गया लेस्त्रवों के 4 प्राचीन संप्रदायों में से एक इस संप्रदाय को सतकादी संप्रदाय भी कहते हैं इस संप्रदाय का सिद्धांत “द्वैताद्वैतवाड”
यहां मेला भाद्रपद शुक्ल अष्टमी को लगता है

मत्स्य उत्सव ?
मत्स्य उत्सव का आयोजन अलवर में जिला प्रशासन राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा किया गय जाता है इस उत्सव का 2005 में लगातार, आयोजन किया जा रहा है यह प्रतिवर्ष 21 – 26 नवंबर को आयोजित किया जाता है
इस उत्सव में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं
(1) संस्कृति संख्याओं का आयोजन
(2) प्रारंभिक खेलकूद मेहंदी मांडना व रंगोली प्रतियोगिता
(3) साहसिक खेल
(4) विशाल शोभायात्रा एवं दीपदान

मूसी महारानी की छतरी ?
1815 में यह छतरी अलवर के महाराजा बटत्तावर सिंह व मूसी महारानी की स्मृति में महाराजा विनय सिंह ने करवाया था
इसका निर्माण संगमरमर से किया गया है तथा दो मंजिला छतरी है
इसकी शैली विंडो इस्लामिक है
वर्तमान में इसकी स्थिति जर्जर हो चुकी है

अर्थुना के मंदिर ?
अर्थुना राजस्थान के बांसवाड़ा में स्थित है अर्थुना मैं बने मंदिर 11वीं व 12वीं शताब्दी के है हिंदू है जैन मंदिर है
यहां प्राचीन मंदिर शिवाले मुख्य हैं विष्णु, महावीर, ब्रह्मा जी, आदि मूर्तियों वाले मंदिर हैं

राजस्थान के एकीकरण के विभिन्न चरण
(1) मत्स्य संघ – 18 मार्च 1946

प्रथम चरण
राजस्थान के एकीकरण में मत्स्य संघ को प्रथम चरण माना जाता है
मत्स्य संघ में अलवर, भरतपुर, करौली, व धौलपुर शामिल थे
धौलपुर महाराजा उदयभान सिंह को राजप्रमुख बनाया गया
करौली के महाराजा को उपराजप्रमुख प्रमुख बनाया गया
मत्स्य संघ का उद्घाटन NV गाडगिल 16 मार्च 1940 को किया (तत्कालीन खनिज एवं विद्युत मंत्री)
राजस्थानी अलवर
मत्स्य संघ क्षेत्रफल 12000 वर्ग सेमी क्या 6 वार्षिक आय 164 लाख जनसंख्या 16 लाख से ज्यादा
मुख्यमंत्री – शोभाराम कुमावत को बनाया गया

द्वितीय चरण – राजस्थान संघ (25 मार्च 1946) राजस्थान संघ में कोटा, बूंदी, झालावाड़, टोंक, किशनगढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, शाहपुरा एवं प्रतापगढ़ तथा लावा एवं कुशलगढ़ को राजस्थान संघ बनाया
राजधानी – कोटा
राजप्रमुख – गिनकिट (कोटा महाराव)
मुख्यमंत्री – गोफुल लाल असावा
वरिष्ठ उपराजप्रमुख – बहादुर सिंह बुर्की
तनिष्ठ उपराजप्रमुख – लक्ष्मण सिंह डूंगरपुर

तृतीय चरण – संयुक्त राजस्थान राजस्थानी वीडियो (18 अप्रैल 1948) राजस्थान संघ में उदयपुर जुड़ने से संयुक्त राजस्थान बना
राजप्रमुख – महाराणा भूपाल सिंह
उपराजप्रमुख – महाराव भीमसिंह (कोटा)
वरिष्ठ उपराजप्रमुख – महाराव बहादुर सिंह बुर्की
तनिष्ठ उपराजप्रमुख – महारावल लक्ष्मण सिंह (डूंगरपुर)
प्रधानमंत्री – माणिक्य लाल वर्मा
राजधानी – उदयपुर
उद्घाटन – जवाहरलाल नेहरू द्वारा
वार्षिक आय – 316 लाख

सप्तम चरण
अजमेर मेटवाड़ा को राजस्थान में मिलाया गया मंडसौर के भानपुर तहसील के सुनेल टप्पा गांव का विलय राजस्थान में किया गया
कोटा का सिरोज उपविभाग को MP में संकलित किया गया

पांचवा चरण – संयुक्त वृद्ध राजस्थान
वृद्ध राजस्थान + मत्स्य संघ 15 मार्च 1949

1.4 संयुक्त वृद्ध राजस्थान
मुख्यमंत्री – हीरालाल शास्त्री

षष्ठ चरण – सिरोही का राजस्थान में विलय 26 जनवरी 1950
संयुक्त वृद्धि राजस्थान सिरोही (डेलवाड़ा व माउंट आबू को धौलपुर) जोड़ा गया

राजस्थान की प्रमुख भक्ति संत महिलाएं –
मीराबाई – बचपन का नाम पैनल
जन्म – कुंडली (नागौर)
पिता – रत्न सिंह
पत्ती – भोजराज (राणा सांगा के जेष्ठ पुत्र)
मीराबाई की रचनाएं –
(1) गीता गोविंद पर टिका लिखी
(2) राग गोविंद
(3) पडावली
(4) नराकी जी रो आपरो (भाई के निर्देशन में रचना खाती द्वारा लिखित)
(5) सत्य भामा पी न्यू नामक ग्रंथ लिखें
रानाबाई – के हरनावा (1504 मैं जन्म)
खेती-बाड़ी व पशु चराने के दौरान ही भक्ति भावना मैं लीन हो गई
रानाबाई निंबार्काचार्य परशुराम के संपर्क में आकर कृष्ण भक्ति हो गई
डाली बाई – मेघवाल जाति की कन्या रामदेव जी की भक्त थी इन्होंने रामदेव जी को अपना भाई बनाया और इनके समाधि से 1 दिन पूर्व समाधि ली
गवरी बाई – जन्म – डूंगरपुर में हुआ
बाल विधवा जिसने कृष्ण की भक्ति के रूप में उपासना की
करमा बाई – अलवर निवासी कृष्ण भक्त थी

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