transmission media in hindi

Transmission media सूचना को sender से reciever तक पहुचाने का एक रास्ता(path) होता है। यह दो प्रकार का होता है:-

  1. wired
  2. wireless

1. wired:-

वह transmission media जिसमे दो devices के मध्य कनेक्शन physical method जैसे केबल या वायर के द्वारा होता है उसे wired transmission media कहते है। इसे guided media भी कहते है।
ये निम्नलिखित प्रकार के होते है:-
(a)Coaxial cable
(b). Fiber-optic cable
(c).  Twisted pair

(a). Coaxial cable

इसमें एक चालक की खोखली ट्यूब होती है । तथा दूसरा चालक, खोखली ट्यूब के अंदर उसकी अक्ष(axis) पर समाक्ष रूप से स्थापित किया जाता है । इन तारों के बीच परावैधुत(dielectric) ठोस या गैसीय होता है

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खुली तार लाइन में 100MHz आवृत्ति से अधिक आवृत्ति पर विकिरण(radiation) द्वारा उर्जा हानि को नगण्य करने के लिए coaxial cable में आंतरिक चालक को बाहरी सिलिंडरीकल खोखले चालक से घेरा जाता है । coaxial का मुख्य लाभ यह है कि magnetic तथा electric field बाहरी चालक के अंदर ही बने रहते है तथा मुक्त स्पेस में लीक नही हो पाते हैं जिसके कारण विकीरण पूर्ण रूप से समाप्त हो जाता है । इसके अतिरिक्त बाहरी चालक बाहरी electric magnetic सिग्नल से भी प्रभावी विधुत चुम्बकीय शील्डिंग उत्पन्न करता है।

coaxial cables को 1GHz तक की रेंज में उपयोग लाया जाता है किन्तु 1GHz से उपर की आवृत्ति में ये उपयुक्त नही रहते है। ये अधिक कीमती होते हैं। इनमे सिग्नल आवृत्ति के साथ परावैधुत हानि भी बढती जाती है। तथा 1GHz पर हानि बहुत अधिक हो जाती है। जिससे इनको उपयोग करना उपयुक्त नही रहता है।

दो प्रकार की coaxial cable सामान्यतया प्रयोग की जाती है। एक 50 ओम cable, जो डिजिटल ट्रांसमिशन के लिए प्रयोग की जाती है। दूसरी 75 ओम cable, जो एनालॉग ट्रांसमिशन के लिए प्रयोग की जाती है।

(b). Fiber-optic cable

यह cable ग्लास या प्लास्टिक की बनी होती है जिन्हें ऑप्टिकल फाइबर कहते हैं। ये cables सुचना को एक स्थान से दुसरे स्थान प्रकाश के माध्यम से ले जाती है। ये cables लम्बी दूरी के लिए design की जाती है।

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जब एक प्रकाश पुंज किसी पारदर्शी छड के एक सिरे से एक निश्चित दिशा में प्रवेश करता है तो प्रकाश पुंज का छड की सतहों पर अनेक बार पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है तथा प्रकाश-पुंज छड के अन्दर ही बना रहता है। इस प्रकार अनेक बार पूर्ण परावर्तित होता हुआ प्रकाश-पुंज जब छड के दुसरे सिरे से बाहर निकलता है तो प्रकाश की तीव्रता का loss नही होता है। इस प्रकार की छड को फाइबर कहते है।

(c). Twisted pair

यह एक कॉपर वायर होती है जिसमें दो विधुतरोधी वायरों को एक दुसरे के मध्य लपेटकर बनाया जाता है। लपेटकर बनाये जाने से दोनों वायरों के सिग्नलों में कोई रुकावट नही आती। यह cable पुरानी टेलीफोन लाइन्स में प्रयोग की जाती है।

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2. Wireless

वह transmission media जिसमें किसी physical contact की आवश्यकता नही होती है अर्थात जिसमें कम्युनिकेशन बिना wires के होता है wireless transmission media कहलाता है। इसे unguided media भी कहते है।
ये निम्नलिखित प्रकार के होते है:-
(a). Radio waves
(b). Microwaves
(c). Infrad waves

(a). Radio waves

इनकी आवृत्ति 3KHz से 1GHz तक होती है। इन्हें आसानी से स्थापित किया जा सकता है तथा इनका एटेनुऐशन भी उच्च होता है। रेडियो तरंगे ज्यादातर omnidirectional होती है। जब एक antenna रेडियो तरंगों को ट्रांसमिट करता है तो ये सभी दिशाओं में फैल जाते है।

रेडियो तरंगों का प्रयोग टेलीविज़न, मोबाइल तथा रेडियो के communication में होता है। इनमे एक radio tuner होता है जो कि रेडियो तरंगो को receive करता है तथा स्पीकर में इन तरंगों को mechanical vibration में बदल देता है जिससे हमें स्पीकर से आवाज़ सुनाई देती है।

(b). Microwaves

इसमें सूचना का ट्रांसमिशन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों द्वारा किया जाता है जिसकी wavelength को सेंटीमीटर में मापा जाता है। इनकी आवृत्ति 1GHz से अधिक होती है तथा ये अनेक प्रकार के ट्रांसमिट से निर्मित होती है। microwaves का प्रयोग खाना पकाने तथा मोबाइल आदि में किया जाता है तथा wifi में भी इसका प्रयोग किया जाता है।

(c). Infrared waves

यह एक विशेष तरंगदैर्ध्य का विधुतचुम्ब्कीय विकीरण होता है जिन्हें हम infrared कहते हैं। इन तरंगो को मनुष्य देख नहीं सकता है परन्तु skin में heat के रूप में महसूस अवश्य कर सकता है। इनका प्रयोग TV रिमोट कण्ट्रोल, wireless LAN, CCTV तथा मिसाइल गाइडेंस सिस्टम आदि में किया जाता है। सन् 1800 में सर्वप्रथम सर william herschel ने infrared को विकसित किया था।


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