प्रश्न 01: संगमकालीन साहित्य पर टिप्पणी कीजिए।
उतर : दक्षिण भारत में पाण्ड्य राजाओं के संरक्षण में तमिल कवियों, विद्वानों के तीन संगमों के आयोजन के दौरान रचित तमिल साहित्य ही संगम साहित्य जो निम्न है।
प्रथम संगम की कोई रचना प्राप्त नहीं।
दूसरे संगम में – तोल्काप्पियम्-तोलकापियम द्वारा रचित तमिल का प्राचीनतम व्याकरण ग्रन्थ
तीसरे संगम में- एत्तुतौके- इसमें 8 संग्रह मिलते है।
• पत्तुपातु (दशगीत)- दस गीतों का संग्रह
• पदिनेकिकणक्कु – नीति परक गीत संग्रह
• शिलप्पादिकारम- तमिल का प्रथम महाकाव्य, इलांगों आदिगल रचित, नूपुर की कहानी
• मणिमेखलै- सीतले सतनार (बौद्ध व्यापारी) रचित
• जीवक चिंतामणि- तिरुत्कदेवर (जैनमुनि) रचित, विवाह ग्रन्थ।
• कुरल – तिरूवल्लुवर रचित
• मणिमेखले वेवा- भारतीदासन कृतs
प्रश्न 02 एलोरा स्थित कैलाश मन्दिर की वास्तुकलात्मक विशेषताएँ बताइये।
उतर : राष्ट्रकूट शासक कृष्ण प्रथम द्वारा द्रविड़ शैली में एक ही पाषाण को काटकर निर्मित करवाया गया यह मन्दिर प्राचीन भारतीय वास्तु एवं तक्षण कला का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण है।
विशेषताएं :- प्रवेश द्वार, विमानों तथा मण्डपों का निर्माण, विमान दो तल वाला, मण्डप व विमान को जोड़ने हेतु अर्धमण्डप विशाल स्तम्भ, मण्डप की सपाट छत 16 स्तम्भों पर आधारित, छत मूर्तिकारी से अलंकृत, पांच बड़े देव प्रकोष्ठ, शिखर पर स्तूपिका, कुशलता व सौन्दर्य से परिपूर्ण।
प्रश्न 03: सूफीवाद एवं भक्तिवाद में प्रमुख समानताएं बताइये।
उतर : समानताएं :-
दोनों मतों ने धार्मिक सिद्धान्तों की सरल व्याख्या की
हिन्दू-मुस्लिम संस्कृतियों के समन्वय पर बल
साम्प्रदायिक सौहार्द की स्थापना
संगीत को ईश्वर प्राप्ति का साधन माना (सूफी कव्वाली, भक्ति कीर्तन)
गुरू शिष्य (भक्ति) , पीर–मुरिदी (सूफी) परम्पराओं का विकास
सुधारवादी आंदोलन (भक्ति सन्तों) द्वारा ब्राह्मणवादी कर्मकाण्डों का व सूफी द्वारा | इस्लाम की कट्टरता का विरोध।
प्रश्न 04: होमरूल आन्दोलन का महत्व बताइये।
उतर : ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन स्वशासन प्राप्ति हेतु 1916 ई. में तिलक (बेलगाम) व एनी बिसेंट द्वारा (अड्यार) प्रारम्भ आंदोलन जो सम्पूर्ण भारत में विशेषतः दक्षिण भारत में फैला, स्थानीय मांगो से जनाधार बढ़ा समितियों ने संगठनात्मक ढांचा तैयार किया, रचनात्मक कार्यक्रम (छुआछूत निवारण, हिन्दू-मुस्लिम एकता) गांधीवादी आंदोलनों के उपकरण बने, एनी बिसेंट के कारण महिला भागीदारी बढ़ी व जिन्ना, नेहरू जैसे द्वितीय पंक्ति के नेता तैयार हुए, हालांकि शहरी क्षेत्रों तक सीमित तथा भाषाई आधार पर प्रान्तों की मांग ने क्षेत्रवाद बढ़ाया व अन्त में नेतृत्व विहिन रहा परन्तु राजनैतिक चेतना के विकास व 1919 के सुधारों का कारण बना।
ONE LINER QUESTION ANSWER
प्रश्न 05: 19वीं एवं 20वीं शताब्दी में हुए कृषक आन्दोलनों की प्रकृति पर टिप्पणी कीजिए।
उतर : स्थानीय प्रकृति तथा मांग विशेष तक सीमित किसान आंदोलनों ने अहिंसक (अपवाद–मोपला) तरीके से वाणिज्यिक खेती (नील, कपास) भू राजस्व वृद्धि तथा साहूकारों का विरोध किया। निम्नजातीय किसानों की बड़ी भागीदारी (एका, बारदोली) व सामाजिक अन्तर्विरोध के बावजूद साम्प्रदायिक नहीं हुए तथा सामाजिक सुधारों (कूका, एकी) का मार्ग प्रशस्त किया। हांलाकि गाँधीजी के बाद किसान सभाओं (अवध, आन्ध्र, उत्कल) के गठन, राष्ट्रीय नेताओं की भागीदारी (पटेल, नेहरू, मालवीय) व महिलाओं के जुड़ने से राजनैतिक, सामाजिक चेतना का विकास हुआ जो स्वराज प्राप्ति में सहायक (बारदोली) तथा जागीरदारी उन्मूलन में मुख्य भूमिका निभाई।
प्रश्न 06: राजस्थान के जनजागरण में कवियों का योगदान बताइए।
उतर : भरतपुर के पूर्णसिंह व हुलासी, मारवाड़ के बांकीदास जी व शंकरदान सामोर, बून्दी के सूर्यमल्ल मीसण, जैसलमेर के तेजकवि, मेवाड़ के माणिक्यलाल वर्मा (पंछीड़ा) व भंवरलाल जी का मुख्य योगदान था। ब्राह्मण कवि हुलासी ने भरतपुर के वीरो के अद्वितीय प्रतिरोध का वर्णन कर तथा पूर्णसिंह ने कर्मठ कार्यकर्ता के साथ कवि की भूमिका निभाई। वीर सतसई (सूर्यमल्ल मीसण) व आयो अंग्रेज मुल्क रे ऊपर (बांकीदास) में तत्कालीन शासकों की ब्रिटिश समर्थित भावना का विरोध किया है। तेज कवि ने अपनी ब्रिटिश विरोधी रम्मत ‘स्वतंत्र बावनी’ गांधीजी को भेंट की। इन आंचलिक गीतों ने परतंत्रता काल में अशिक्षित जन समूह में राष्ट्रवाद का संचार किया।
प्रश्न 07: राजस्थान में रंगाई, छपाई के क्षेत्र में सांगानेर, बगरू एवं बाड़मेर का क्या महत्व है?
उतर : सांगानेर- काले तथा लाल रंग के प्रयोग से लठे तथा मलमल पर की छपाई जो अमानीशाह नाले से अप्रत्यक्षतः सम्बद्ध है, इसमें सफेद आंगन के चूनडी, साफा, जाजम, तकिया आदि बनाये जाते है। जिसे मुन्नालाल गोयल ने अन्तर्राष्ट्रीय लोकप्रिय किया व भौगोलिक संकेतक में शामिल है। बगरू-प्राकृतिक रंगो के प्रयोग व हरे आंगन की छपाई जो भौगोलिक संकेतक में शामिल है।
बाड़मेर- नीले व लाल रंग की, तुर्की शैली में प्रभावित, ज्यामितीय अलंकरण से सुसज्जित अजरक शैली तथा काले व कत्थई रंग की मलीर प्रिन्ट रंगाई छपाई में प्रमुख स्थान रखती है।
SUBJECT QUIZ
प्रश्न 08: कालीबंगा सभ्यता का संक्षिप्त परिचय दीजिये।
उतर : हनुमानगढ़ जिले में घग्घर (सरस्वती-दृषद्वती) नदी के किनारे हड़प्पा कालीन तीनों स्तरों का अमलानन्द घोष द्वारा अन्वेषित (1952 ई.) तथा बी. बी. लाल व बी. के थापर द्वारा उत्खनित (1961-69) केन्द्र जहाँ जुते हुए खेत के साक्ष्य, कच्ची ईटों के प्रयोग (पत्थर का अभाव) अग्निवेदी, तीन समाधियां, लकडी व ईटों की नालियों तथा ताम्र कृषि औजार व सैन्धव नगर नियोजन की जानकारी मिलती है जो कालान्तर में संभवतः, भूकम्प, सुखा अथवा नदी के मार्ग परिवर्तन से नष्ट हो गया था। यहाँ सरकार ने 1984-85 में संग्रहालय स्थापित किया।
प्रश्न 09: कैबिनेट मिशन
उतर : 1946 ई. में संवैधानिक गतिरोध समाप्त करने हेतु भारत आये 3 सदस्यीय (पैथिक लॉरेन्स, स्टफोर्ड क्रिप्स, ए.वी. अलेक्जेंडर) शिष्टमंडल जिसके अन्तर्गत पाकिस्तान की मांग अस्वीकार, अखिल भारतीय संघ (ब्रिटिश प्रान्त + देशी रियासत) का गठन, संघात्मक व्यवस्था की स्थापना (रक्षा, विदेश, संचार केन्द्र को तथा शेष व अवशिष्ट प्रान्तों को), प्रान्तों का समूहीकरण, धार्मिक मुद्दों पर सदस्यों की पृथक राय, संविधान सभा व अन्तरिम सरकार का गठन प्रावधान थे। पाकिस्तान का निरस्तीकरण व अन्तरिम सरकार सार्थक पहल थे पर कमजोर केन्द्र व प्रान्तों को अधिक स्वायतता एकता व अखण्डता हेतु अनिष्टकारी।
प्रश्न 10: रैयतवाड़ी व्यवस्था क्या थी? अंग्रेजों द्वारा इसे प्रारम्भ किए जाने के कारण क्या थे?
उतर : 1792 ई. में कैप्सटीड़ द्वारा बारामहल में प्रारम्भ तथा टोमस मुनरो तथा एलफिस्ज द्वारा क्रमशः मद्रास तथा बोम्बे में लागू (ब्रिटिश भारत का 51% क्षेत्र ) भू राजस्व व्यवस्था जिसमें कम्पनी सीधा किसान से (रैयत से) भू-राजस्व प्राप्त करती थी। दक्षिण भारत में जमींदारी प्रथा का अभाव, किसानों को बंजर भूमि देकर भूमि सुधरवाने का प्रयास, किसानों को समर्थक बनाकर प्रशासनिक सुधार करने व स्थायी बन्दोबस्त में कमियों (अनुपस्थित जमीदार, कम्पनी द्वारा राजस्व में वृद्धि नहीं, जमीदारों द्वारा भूमि सुधार नहीं) के अन्तर्गत यह व्यवस्था अपनायी गयी। लेकिन अधिक व नकदी भूराजस्व वसूली, कम्पनी अधिकारियों का शोषण ने ग्रामीण कृषि को छिन्न भिन्न कर दिया।
प्रश्न 11: राजस्थान के स्वतंत्रता आन्दोलन में विजयसिंह पथिक की भूमिका का विवरण दीजिए।
उतर : मूलतः बुलन्दशहर ( UP) के रहने वाले भूपसिंह (विजयसिंह) ने बिजौलिया व बेगूं किसान आन्दोलनों का नेतृत्व कर राजस्थान में राजनैतिक चेतना संचार का कार्य किया। रामनारायण चौधरी के साथ राजस्थान सेवा संघ के निर्माण द्वारा राजस्थान में सामन्ती शोषण के खिलाफ संगठित अभियान चलाया। गोपालसिंह खरवा के साथ ‘वीर भारत सभा’ बनाकर क्रांतिकारी उपायों से विदेशी सता के विरूद्ध बिगुल बजाया। कांग्रेस के अधिवेशनों में भाग लेकर राजस्थान को राष्ट्रीय आन्दोलन से समन्वित किया तथा राजस्थान केसरी व नवीन राजस्थान समाचार पत्र से राजनीतिक व सामाजिक जागरूकता का कार्य किया।
प्रश्न 12 राजस्थान में राजनैतिक चेतना के संचार में साहित्य का योगदान बताइये।
उतर : सूर्यमल्ल मिश्रण ने वीर सतसई के माध्यम से राष्ट्रीय चेतना का शंखनाद किया , वहीं बांकिदास जी ने ‘आयो अंग्रेज मुल्क रे ऊपर’ लिखकर राजाओं को चेतावनी दी।
हुलासी तथा पूर्णसिंह ने भरतपुर में वीर रस के गीतों के माध्यम से अंग्रेजो का विरोध किया। जैसलमेर के तेजकवि ने स्वतंत्र बावनी नाम रम्मत से, माणिक्यलाल वर्मा की पंछीड़ा व अर्जी गणेशीलाल उस्ताद के पीड़ितों का पंछीड़ा, वृद्धचंद्र मधुर के ‘जागो बहुत सोये’ नाटक में । अंग्रेज विरोधी भावनाएं परिलक्षित होती है जिन्होंने राजस्थान में राजनीतिक चेतना का संचार किया।
प्रश्न 13: आमेर चित्रकला शैली पर लघु लेख लिखिए।
उतर : मानसिंह के समय प्रारम्भ तथा सवाई जयसिंह द्वारा सूरतखाना निर्माण तथा प्रताप का समय स्वर्णकाल व चित्रकला स्कूल की स्थापना वाली आमेर चित्रकला में राधाकृष्ण लीला, बारहमासा, आदम कद चित्रण(साहिबराम) भित्ति चित्रण (पूंडरिक हवेली) उदयान चित्रण, हाथियों का चित्रण, पशुओं की लड़ाई के दृश्य (लालचंद) आदि प्रमुख विषय थे। इस पर सर्वाधिक मुगल प्रभाव है, रज्मनामा के 169 चित्र आमेर के चित्रकारों ने बनाए तथा लाल, पीले, केसरिया, हरे रंग का अधिक प्रयोग तथा हाशिये में गहरे लाल रंग का चित्रण। मुख्य चित्रकार:- लालजी, रामजीदास तथा कुशला।
प्रश्न 14: सामाजिक मूल्यों का महत्व समझाइए।
उतर:
सामाजिक मूल्य सामाजिक सम्बन्धों एवं व्यवहारों में एकरूपता उत्पन्न करते है।
किसी व्यक्ति को सामाजिक परिस्थितियों के साथ आसानी से अनुकूलन में सहायक ।
सामाजिक संस्तरण में किसी व्यक्ति के स्थान के आधार पर उसकी सामाजिक सामर्थ्य के मूल्यांकन में सहायक।
भौतिक संस्कृति का महत्व दिखाते है
सामाजिक मूल्य समाज के आदर्श विचारों एवं व्यवहारों के प्रतीक हैं।
व्यक्ति की सामाजिक भूमिका का निर्देशन करते है।
व्यक्ति के सामाजिक नियंत्रण को स्थापित करते हैं तथा व्यक्ति को अवांदित व्यवहार करने से रोकते हैं।
सामाजिक मूल्य अनुरूपता एवं विपथगमन को स्पष्ट करते हैं।
प्रश्न 15: बैकिंग क्षेत्र में विलय के लाभ तथा इसके समक्ष प्रमुख चुनौतियाँ बताइये।
उतर : लाभ:-
यह विलयित बैंक की परिसम्पतियों एवं आर्थिक स्तर में वृद्धि करेगा जो अब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी हो सकेगा।
यह बैंक की परिचालन लागत एवं अनावश्यक खर्चों को कम करेगा।
बैंक की शाखाएँ बढ़ जायेंगी।
बैंक की परिसम्पतियों में वृद्धि साख में सुधार तथा निवेश को प्रोत्साहित करेगा।
आधुनिकीकरण होगा,वितीय समावेशन में सहायक होगा।
चुनौतियाँ-
यह बैंकों के बीच प्रतिस्पर्धा को कम कर देगा।
विलयित बैंकों जिनका एन.पी.ए. अधिक है मजबूत बैंक के एन.पी.ए को भी बढ़ा देंगे।
कर्मचारियों की छंटनी की समस्या।
बैंकों की कम संख्या मंदी का कारण बन सकती है।
प्रश्न 16 : नाबार्ड के प्रमुख कार्य बताइए
उतर : कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिए बी. शिवरमण समिति की सिफारिश पर 1982 में नाबार्ड की स्थापना हुई। नाबार्ड के प्रमुख कार्य हैं-
वित्तीय कार्य- फूड पार्को, भण्डार गृहों, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना इत्यादी को
प्रत्यक्ष वित्तीयन ओर राज्य सहकारी बैंको एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको का पुनर्वितीयन।
विकास कार्य- ग्रामीण सहकारी साख समितियों, प्राथमिक कृषि समितियों, राज्य सहकारी बैंकों को संस्थागत विकास के अन्तर्गत समर्थन देना, वितीय समावेशन को प्रोत्साहन एव सहकारी बैंको को कोर बैंकिंग सोल्यूशन उपलब्ध करवाता है।
पर्यवेक्षणीय प्रकार्य- स्टेट को-ऑपरेटिव बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों एवं केन्द्रीय को-ऑपरेटिव बैंकों इत्यादि का निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण
प्रश्न 17. बैंकिग क्षेत्र के लिए मिशन इंद्रधनुष की व्याख्या कीजिए।
उतर : केन्द्र सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको की समस्याओं के समाधान तथा प्रशासनिक सुधार द्वारा प्रतिस्पर्धी क्षमता का विकास कर उन्हें वैश्विक स्तर की क्षमता से युक्त संस्थाओं में रूपान्तरित करने हेतु 7 सुत्री मिशन इन्द्रधनुष :-
नियुक्तियाँ – चेयरमैन व प्रबंध निदेशक की
बैंक बोर्ड ब्यूरो- दीर्घकालिक रणनीति निर्माण का कार्य
पूंजीकरण- प्रथम 4 वर्षों में 70000 करोड़ रू बैंकों को सरकार द्वारा
दबाव कम करना- घटिया ऋणों में कमी
सशक्तिकरण- सरकारी हस्तक्षेप कम
जवाबदेही की रूप रेखा तैयार
अभिशासन सुधार
प्रश्न 18: बिटकॉइन क्या है? इसके लाभ एवं चुनौतियाँ क्या है?
उतर : यह पियर टू पियर भुगतान हेतु प्रयुक्त एक आभासी मुद्रा है, जिसका आविष्कार 2008 में सतोशी नाकामोतो द्वारा किया गया था। इसमें ब्लॉकचेन तकनीक का प्रयोग किया जाता है।
लाभ-इससे किसी भी स्थान पर कभी-भी प्रत्यक्ष एवं त्वरित भुगतान संभव है।
एक वैश्विक मुद्रा के रूप में इससे किसी एक मुद्रा पर अत्यधिक निर्भरता कम हुई।
ब्लॉकचेन तकनीक इसे बहुत सुरक्षित बनाती है।
चुनौतियाँ-
किसी केन्द्रीय बैंक से विनियमित नहीं होने के कारण यह जोखिम युक्त है। बिट कॉइन में निवेश करने वालों की सुरक्षा हेतु कोई केन्द्रीय संस्था नहीं है। आतंकवाद को प्रोत्साहन, कालेधन की समस्या, धीरे-धीरे इसमें होने वाले लेन-देन समय साध्य होते जा रहे है।
प्रश्न 19: पी.डी.एस. (PDS) प्रणाली में क्या सुधार करने की आवश्यकता है।
उतर : सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में निम्नवत सुधारों की आवश्यकता है- राशन कार्डो का डिजीटलीकरण होना चाहिए, FCI के व्यापारियों को GPS के माध्यम से ट्रेक किया जाना चाहिए, प्रत्यक्ष कर अन्तरण में वितीय समावेशन की अपूर्णता की समस्या के कारण खाद्य कूपनों का भी सुझाव दिया जाता है, P.D.S. में सुधारों हेतु गठित शान्ता कुमार समिति की सिफारिशें यथा राज्य सरकारों के लिए आउटसोर्सिग खरीद, खरीद भुगतान सुधार बफर स्टॉक एवं भण्डारण में सुधार तथा समुचित आयात सम्बन्धी सुधार आदि को लागू करना चाहिए।
प्रश्न 20: लघु बैंक क्या है? ये भारतीय अर्थव्यवस्था को किस प्रकार लाभ पहुंचाएंगे?
उतर : ये नचिकेत मोर समिति की सिफारिशों के आधार पर जनसंख्या के किसी विशेष खण्ड को सेवा प्रदान करने हेतु स्थापित निकेत बैंक हैं। ये निम्नलिखित के माध्यम से वितीय समावेशन में सहायक होंगे।
ये बचत के साधन बनेंगे।
लघु व्यावसायिक ईकाइयों, लघु एवं सीमान्त कृषकों, सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों और अन्य असंगठित क्षेत्र की इकाईयों को वित्त की आपूर्ति करके म्यूचुअल फण्ड सेवाओं का वितरण तथा बीमा एवं पेंशन उत्पादों का वितरण बढा सकते हैं। अपने सीमित प्रचालन क्षेत्र में लघु बैंक इस क्षेत्र में विविध पोर्टफोलियो सेवाओं के माध्यम से सेवा प्रदान करेंगे।
NOTES
प्रश्न 21: चतुर्थ औद्योगिक क्रांति
उतर : विश्व आर्थिक मंच के संस्थापक क्लॉस श्वाब के द्वारा दी गई अवधारणा जिसमें वर्तमान समय में प्रचलित तकनीकी विशेषता जैसे कृत्रिम बुद्धिमता, बिग डाटा, रोबोटिक्स, इन्टरनेट ऑफ थिंग्स एवं ब्लॉक चेन आदि को सम्मिलित किया जाता है। विश्व आर्थिक मंच द्वारा महाराष्ट्र में चतुर्थ औद्योगिक क्रांति से सम्बद्ध एक केन्द्र खोला गया है, जो तीन परियोजनाओं ड्रोन, कृत्रिम बुद्धिमता व ब्लॉकचेन को विकसित करेगा।
लाभ:- नवाचार, उद्योगों की दक्षता, एवं प्रभावशीलता, उत्पादों की गुणवता, सकल घरेलु उत्पाद में वृद्धि होगी तथा लागतों में कमी आयेगी।
चुनौतियाँ- तकनीक आधारित उद्योग के कारण रोजगार संकट, कम कुशल श्रमिक प्रभावित, M
प्रश्न 22. व्यापार सुगमता सूचकांक में भारत की रैकिंग में सुधार के कारण बताइये।
उतर : विश्व बैंक द्वारा जारी किये जाने वाले व्यापार सुगमता सूचकांक में भारत ने 23 स्थानों की छलांग लगाते हुए 190 देशों की सूची में 2017 के 100वें स्थान से 2018 में 73वाँ स्थान प्राप्त किया है। भारत ने 10 में से 6 संकेतकों में अपने स्थान में सुधार किया है। और 7 संकेतकों में अन्तर्राष्ट्रीय श्रेष्ठ प्रथाओं के नजदीक पहुंच गया है निर्माण अनुमति एवं सीमा पारीय व्यापार में नाटकीय वृद्धि हुई है, इसके अलावा व्यवसाय शुरू करने में ; साख प्राप्त करने में, विद्युत उपलब्धता, संविदा प्रवर्तन में भी सुधार देखा गया है।
प्रश्न 23: कृषि निर्यात नीति के प्रमुख बिन्दु बताइए।
उतर : 2022 तक कृषकों की आय को दुगुना करने के लिए केबिनेट ने कृषि निर्यात नीति को अनुमति प्रदान की है।
2022 तक 60 बिलियन डॉलर का व्यापार करना जिसे आगे 100 बिलियन डॉलर तक बढ़ाना
निर्यात उत्पादों एवं गंतव्यों में विविधता लाना।
नवीन, स्वदेशी, जैविक एवं संजातीय कृषि उत्पादों को प्रोत्साहन।
मूल्य सर्वर्धित निर्यात प्रोत्साहन हेतु क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण को अपनाना
ब्राण्ड इण्डिया को प्रोत्साहन एवं प्रचार करना।
निजी निवेश को आकर्षित करना एवं अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहन देना।
सेनेटरी एवं फायटो सेनेटरी मुद्दों जैसे बाधको को सुलझा कर व्यापक बाजार को सुनिश्चित करना आदि इसके प्रमुख बिन्दु है।
प्रश्न 24: बजट के सिद्धांतो के बारे में लिखिए।
उतर : बजट के सिद्धांत-
बजट के सफल लागूकरण हेतु प्रमुख प्रबन्धकों का समर्थन आवश्यक है।
प्रबन्धन के सभी स्तरों की भागीदारी होनी चाहिए (कर्मचारियों की भागीदारी)
संगठनों के उद्देश्यों का विवरण स्पष्ट और निर्धारित होना चाहिए।
बजट लचीला होना चाहिए।
प्रबन्धन रिपोर्टिंग द्वारा उचित संचार प्रणाली स्थापित की जानी चाहिए।
संक्षिप्त, सटीक एवं विश्वसनीय बजट निर्माण व इसके लागूकरण हेतु एक मजबूत लेखा प्रणाली होनी चाहिए।
बजट, दस्तावेज एवं आंकड़े खुले पारदर्शी व पंहुच में होने चाहिए।
संगठनात्मक संरचना में प्राधिकार एवं उतरदायित्व सुपरिभाषित होना चाहिए।
प्रश्न 25: स्थायी कार्यशील पूंजी एवं परिवर्तनशील कार्यशील पूंजी के बीच अंतर Springbazard बताइए।
उतर : स्थायी कार्यशील पूंजी – यह तैयार माल के स्टॉक के वित, देनदार शेष इत्यादि को सन्दर्भित करता है।
यह कच्चे माल के स्टॉक अधिनिर्मित उत्पादन देनदार शेष आदि को शामिल करता है। स्थाई पूंजी परिचालन गतिविधियों के लिए आवश्यक है।
स्थायी कार्यशील पूंजी में दीर्घावधिक वितीय निर्णयन जैसे- नियमित कार्यशील पूंजी या रिजर्व मार्जिन सम्मिलित होते है
परिवर्तनशील कार्यशील पूंजी – इसका उपयोग फर्म के दिन-प्रतिदिन के संचालन के लिए किया जाता है।
यह नकद, विपणन योग्य प्रतिभूतियों, प्राप्य खाते एवं स्टॉक को शामिल करता है।
व्यापारिक गतिविधियों के लिए परिवर्तनशील कार्यशील पूंजी जरूरी है।
इसमें लघ्वावधिक निर्णय जैसे कार्यशील पूंजी की आवधिक आवश्यकता तथा विशेष वितीय कार्यों हेतु आवश्यक कार्यशील पूंजी सम्मिलित होते है।
प्रश्न 26: FERA एवं FEMA के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
FERA – Foreign Exchange Regulation Act (FERA – 1973)
इसमें अपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाता था। इसमें आरोपी को गिरफ्तार किया जाता था। 05 गुना जुर्माना लगाया जाता था। स्वयं को निर्दोष साबित करना आरोपी का उतरदायित्व होता था।
FEMA -Foreign Exchange Management Act, (FEMA-1999)
इसमें दीवानी (Civil) मुकदमा दर्ज किया जाता है। इसमें सीधे गिरफ्तार नहीं किया जाता है। कारावास की सजा का प्रावधान था एवं आर्थिक जुर्माना भी लगाया जाता था। केवल आर्थिक जुर्माना लगाया जाता है। 0 3 गुना जुर्माना लगाया जाता है। जाँच-एजेन्सी का उतरदायित्व है कि आरोपों को सबूतों से सिद्ध करे।
प्रश्न 27. मॉडल APMC एक्ट क्या है।
उत्तर : APMC कानून की समस्याओं को दूर करने के लिए 2003 में केन्द्र सरकार ने Model APMC कानून दिया तथा राज्य सरकारों को इसे अपनाने के लिए प्रेरित किया।
प्रावधान :- 1 इसमें व्यापारियों को लाइसेंस मण्डी स्तर के स्थान पर राज्य स्तर पर देने की बात कही।
2 कान्ट्रैक्ट कृषि को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
3 कमीशन एजेंट की भूमिका को समाप्त किया जाना चाहिए।
4 किसान फल व सब्जियाँ बाहर भी बेच सकते है।
5 मण्डी के आधारभूत ढाँचे का विकास किया जाना चाहिए।
प्रश्न 28: पश्चिमीकरण की प्रमुख विशेषताएं बताइए।
उतर : जीवन के प्रत्येक क्षेत्र (सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनैतिक) को प्रभावित किया।
यह एक बहुस्तरीय अवधारणा है जिसमें औद्योगिकी से लेकर आधुनिक इतिहास और विज्ञान तक विस्तृत क्षेत्र सम्मिलित है।
इसका स्वरूप और गति एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में तथा जनसंख्या के एक से दुसरे । भाग में भिन्न रही है।
इसका प्रयोग मात्र परिवर्तन को दर्शाने में हुआ है अर्थात् यह नैतिक दृष्टिकोण से तटस्थ है।
व्यक्तित्व के एक पक्ष को प्रभावित करता है उसी दौरान व्यक्तित्व का दूसरा पक्ष पश्चिमीकरण से बिलकुल प्रभावित नहीं होता ।
CURRENT AFFAIRS
प्रश्न 29: जाति एवं वर्ग के बीच अन्तर बताइए?
उतर: जाति-
व्यक्ति की सामाजिक स्थिति का आकलन जन्म के आधार पर
जाति में गतिशीलता नहीं होती।
प्रत्येक जाति का व्यवसाय पूर्व से ही निश्चित होता है।
जाति अन्तर्विवाही समूह होता है।
जाति अपने सदस्यों के आचरण, कार्यों व व्यवहार पर प्रतिबन्ध लगाती है।
बंद एवं स्थाई व्यवस्था है।
वर्ग-
व्यक्ति की सामाजिक स्थिति का आकलन वैयक्तिक, आर्थिक आदि गुणों के आधार पर
वर्ग में गतिशीलता होती है।
वर्ग के सदस्य विभिन्न व्यवसाय करते हैं। व्यवसायिक गतिशीलता है।
वर्ग के सदस्य किसी भी जाति या धर्म में विवाह संबंध स्थापित करने हेतु
स्वतंत्र वर्ग अपने सदस्यों के आचरण कार्यों व व्यवहार पर प्रतिबन्ध नहीं लगाती है।
खुली एवं अस्थाई व्यवस्था है।
प्रश्न 30: संगठन की औपचारिक एवं अनौपचारिक संरचना में क्या अंतर हैं?
उतर : आधार औपचारिक
अर्थ – प्रबंधन द्वारा तैयार अधिकार संबंधों का ढांचा
उदगम – कंपनियों के नियम तथा नीतियों के परिणामस्वरूप प्रारंभ होता है।
अधिकार – प्रबंध में स्तर की क्षमतानुसार दृष्टिगोचर होता है।
व्यवहार – यह नियमों द्वारा निर्देशित होता है।
संप्रेषण का प्रवाह – संप्रेषण श्रृंखला सोपानवत् चलता है
प्रकृति – दृढ़ या निश्चित
नेतृत्व – प्रबंधक ही नेता है।
अनौपचारिक
अर्थ- सामाजिक संबंधों का तंत्र (नेटवक) कर्मचारियों की अन्तःक्रिया से प्रारम्भ होता है।
उदगम – सामाजिक अन्तःक्रिया के परिणामस्वरूप आरंभ होता है।
अधिकार – व्यक्तिगत गुणों से दृष्टिगोचर होता है।
व्यवहार – इसकी गतिविधि का कोई पैटर्न नहीं होता।
संप्रेषण का प्रवाह – कोई निर्धारित विधि नहीं। यह किसी भी दिशा में मुड सकती है।
प्रकृति – परिवर्तनशील
नेतृत्व – समूह द्वारा चुना जाता है।
प्रश्न 31: विपणन में संवर्धन मिश्रण का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उतर : संवर्धन मिश्रण से अभिप्राय संगठन द्वारा अपने संप्रेषण उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सभी प्रवर्तन तकनीकों को मिलाकर प्रयोग करना है। इसमें शामिल है:
विज्ञापन :- यह अव्यक्तिक संप्रेषण होता है जिसका भुगतान विपणनकर्ता समाचार पत्र, | टीवी, रेडियो आदि माध्यमों से कुछ वस्तुओं एवं सेवाओं का प्रवर्तन करने के लिए करते है।
वैयक्तिक विक्रय- बिक्री के उद्देश्य से एक या एक से अधिक से भावित ग्राहकों से बातचीत के रूप में संदेश का मौखिक प्रस्तुतीकरण । यह संवर्धन का वैयक्तिक स्वरूप है।
विक्रय संवर्धन- लघु अवधि प्रेरणाएं जो क्रेताओं को वस्तुओं व सेवाओं के तुरंत क्रय के लिए प्रेरित करती है। विक्रय संवर्धन क्रियाओं में नकद छूट, बिक्री प्रतियोगिताएं मुफ्त नमूना वितरण सम्मिलित है।
जन संपर्क – प्रेस संपर्क, उत्पाद प्रचार, निगमित संप्रेषण, लॉबी प्रचार तथा परामर्श जैसे कार्यों के माध्यम से जनता की नजरों में कंपनी की छवि तथा इसके उत्पादों के संरक्षण हेतु कई प्रकार के कार्यक्रम जनसंपर्कों में शामिल होते है।
प्रश्न 32: अंकेक्षण से आप क्या समझते है एवं इसके क्या उद्देश्य है?
उतर : अंकेक्षण लेखा पुस्तकों एवं दस्तावेज साक्ष्यों का परीक्षण है जिसके माध्यम से एक स्वतंत्र अंकेक्षक आंकड़ों की सटीकता जाँचता है तथा तुलन पत्र एवं अन्य वित्तीय विवरणों पर प्रतिवेदन तैयार करता है।
उद्देश्य :-
प्राथमिक – वित्तीय विवरणों एवं लेखा पुस्तकों की सटीकता एवं विश्वसनीयता का सत्यापन करना।
द्वितीयक –
- त्रुटियों एवं कपट की खोज करना।
- प्रबंधन को सलाह देना
- व्यवसाय की वित्तीय स्थिति की सही स्थिति दर्शाना।
- कर्मचारियों पर नैतिक नियंत्रण अभिव्यक्त करना।
- विवादों का निपटान करना।
- जनता, कर विभाग एवं सरकार को उपयोगी सूचना उपलब्ध कराना।
प्रश्न 33: फिनटेक (FINTECH)
उतर : वित्तीय तकनीकी या फिनटेक उन कम्प्यूटर प्रोग्रामों एवं तकनीकों को संदर्भित करती है जो संपदा प्रबन्धन, रिटेल बैंकिंग, उधार लेना एवं देना, वितीय साक्षरता व विकास तथा आभासी मुद्रा के प्रयोग जैसे बिटकॉइन आदि में नवाचार एवं आधुनिकीकरण के माध्यम से बैंकिंग एवं वितीय सेवाओं के समर्थन हेतु प्रयुक्त होती है। फिनटेक में मौजूदा बैंकिंग एवं वितीय प्रणाली को व्यापक रूप से बदलने अथाह क्षमता है भारत में फिनटेक से सम्बन्धित मुद्दों के लिए हाल ही में सुभाष चन्द्र गर्ग समिति का गठन किया गया है। हाल ही में psbloansin59minutes.com भारत के सबसे बड़े फिनटेक प्लेटफार्म के रूप में उभरा है।
प्रश्न 34: WTO की प्रासंगिकता पर टिप्पणी कीजिए।
उतर : WTO का ब्यूनस आयर्स सम्मेलन खाद्य सुरक्षा एवं दोहा दौर की वार्ताओं की बजाय ई-कॉमर्स, मत्स्यन सहायिकी तथा निवेश सुविधाओं को सम्मिलित करने के कारण विकसित एवं विकासशील देशों के बीच विवाद के कारण असफल हो गया। इस सम्मेलन की असफलता ने WTO की प्रासंकिता पर प्रश्न चिह्न खड़ा कर दिया लेकिन WTO को अप्रासंगितक कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि इससे पहले नैरोबी एवं बाली सम्मेलन सफल रहे है।। अतः सदस्य देशों के बीच विवाद समाधान हेतु प्रयास किए जाने चाहिए अन्यथा बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था को नुकसान होगा तथा संरक्षणवाद को बढ़ावा मिलेगा।