ऑपरेटिंग सिस्टम में मुख्यतया तीन प्रकार की devices होती है.
1. Dedicated devices
2. Shared devices
3. Virtual devices

Dedicated Devices

Dedicated devices एक समय पर एक ही process को assign की जाती है। उस process  के समाप्त होने पर ही दुसरी process के लिए device को assignकिया जा सकता है। Dedicated device का उपयोग किसी dedicated work के लिए ही किया जाता है।

Example (उदाहरण के लिए):-

  • Tape Drives (टेप ड्राईवर)
  • Plotter (प्लॉटर)

Dedicated devices Disadvantages (इसकी हानि):- dedicated devices में एक समस्या यह है कि एक समय पर एक ही यूजर device का use कर सकता है। ये device सिस्टम को पूर्णत use नहीं करती है। अर्थात कोई दूसरा user इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता क्योंकि इसे पहले user द्वारा lock किया होता है.

Shared Devices

Shared devices को एक समय पर एक से अधिक process के लिए assign किया जा सकता है। इसमे  device को कई process मे share किया जा सकता है। परन्तु  devices को एक sequence में share किया जाता है. sequence में share होने के कारण सिस्टम और भी ज्यादा तेज, reliable (विश्वसनीय) तथा efficient (प्रभावी) बनता है।

Shared devices को एक साथ एक या एक से अधिक users के द्वारा  use किया जा सकता है। shared device मे system को  पूर्णत use किया जा सकता है।

Examples (उदाहरण के लिए) :-   

  • HARD DISK DRIVE (हार्ड डिस्क ड्राइव)
  • FLOPPY DISK (फ्लॉपी डिस्क)
  • MAGNETIC DISK (मैग्नेटिक डिस्क)

Virtual Device

virtual device को virtual peripheral भी कहते हैं। virtual device जो है वह shared device और dedicated device का एक combination होता है। operating system  मे virtual device एक ऐसी file है जो device की तरह use होती है। virtual device एक hardware की तरह काम करती है लेकिन यह system में software के रूप में मौजूद होती है। virtual device का कोई भौतिक स्वरूप नहीं होता है।

Virtual device का  use bugs या viruses ढूंढने के लिए किया जाता है।  virtual device kernel द्वारा generate की जाती है। virtual device एक device file है जिसमें  hardware नहीं होता है।

Virtual Device Driver (वर्चुअल डिवाइस ड्राईवर)

इसका उपयोग  hardware device की स्थिति को बनाए रखने के लिए किया जाता है। यह एक ऐसा program है जो computer की प्रत्येक hardware device के लिए operating system से software interrupts को  manage करता है। अर्थात् यह devices के मध्य होने वाले conflicts को रोकता है जिससे सभी डिवाइस अच्छी तरह hardware resources तथा मैमोरी को एक्सेस कर सकें।


Leave a Reply