भारतीय वैज्ञानिकों ने खोजी अपनी मरम्मत स्वयं करने वाली सामग्री

भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (IISER), कोलकाता के शोधकर्ताओं ने IIT, खड़गपुर के सहयोग से, पीजोइलेक्ट्रिक आणविक क्रिस्टल विकसित किए हैं जो यांत्रिक प्रभाव से उत्पन्न विद्युत आवेशों के साथ अपने स्वयं के यांत्रिक/ मशीनी नुकसान की मरम्मत कर सकते हैं।
ये क्रिस्टल यांत्रिक प्रभाव से उत्पन्न विद्युत आवेशों के साथ अपने यांत्रिक नुकसान की मरम्मत स्वयं कर सकते हैं। ये क्रिस्टल बिना किसी बाहरी निगरानी या मरम्मत के किसी भी यांत्रिक प्रभाव के बाद क्रिस्टलोग्राफिक परिशुद्धता के साथ मिलीसेकंड में पुन: संयोजित और स्वायत्त रूप से अपनी मरम्मत खुद करते हैं।
धोलावीरा यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में अंकित

हड़प्पा-युग के महानगर, गुजरात में धोलावीरा को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में अंकित किया गया है। अब गुजरात में तीन विश्व धरोहर स्थल हैं, पावागढ़ के पास चंपानेर, पाटन में रानी की वाव और ऐतिहासिक शहर अहमदाबाद। धोलावीरा अब भारत में दिया जाने वाला 40वां खजाना है। यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के चल रहे 44वें सत्र ने पहले ही भारत को तेलंगाना (Telangana)में रुद्रेश्वर / रामप्पा मंदिर के रूप में एक नया विश्व विरासत स्थल दिया है, जो 13वीं शताब्दी का है। विश्व धरोहर समिति के इस सत्र की अध्यक्षता चीन के फ़ूझोउ से हो रही है।
सरहदी इलाके में ‘उडते धोरों’ पर निगरानी रखेगा ‘बांस’

सूखा प्रभावित जैसलमेर के रेगिस्तानी भूभाग में बांस का पौधरोपण कर इस क्षेत्र को हरित बनाया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में धोरों के खिसकने की समस्या से निपटने के लिए सीमा सुरक्षा बल और भारत सरकार के खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की तरफ से साझा प्रयास किया जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह प्रयोग तनोट सीमा क्षेत्र में किया जाएगा। सफलता मिलने पर पूरे रेगिस्तानी भू-भाग में यह कार्ययोजना लागू होगी। योजना को बोल्ड यानी मुवी जमीन पर बांस नखलिस्तान नाम दिया है। सीमा सुरक्षा बल के विशेष महानिदेशक पक्षिम सुरेद्र पवार तथा खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना को इसकी शुरुआत तनोट क्षेत्र से करने वाले हैं।
देश में पहली बार : बोल्ड परियोजना भारत में प्रथम योजना है, जिसमें शुष्क और अर्द्धशुष्क भूमि में बांस लगाकर संबंधित क्षेत्र को हरित क्षेत्र में बदला जाना है।
अल्फाबेट एक नई रोबोटिक्स कंपनी ‘Intrinsic’ शुरू करेगी

Google की पैरेंट कंपनी Alphabet ने एक नई कंपनी शुरू करने की घोषणा की है जो रोबोट के लिए विकसित होने वाले सॉफ़्टवेयर पर केंद्रित होगी। इस कंपनी का नाम इंट्रिंसिक रखा गया है। इंट्रिंसिक, नई रोबोटिक फर्म की घोषणा अल्फाबेट की सहायक कंपनी “एक्स” के भीतर वर्षों के काम के बाद की गई है, जो मुख्य रूप से तकनीकी उद्योग से प्रतिभाओं को एक साथ रखकर सभी उद्यमशीलता और अभिनव विचारों के लिए इनक्यूबेटर के रूप में कार्य करती है।
विंग, वेमो, गूगल वॉच और गूगल ग्लास कुछ अन्य कंपनियां हैं जो एक्स से बाहर आई हैं वेंडी टैन व्हाइट को Intrinsicके सीईओ के रूप में नियुक्त किया गया है। Alphabet Inc. एक अमेरिकी कंपनी है जिसका मुख्यालय माउंटेन व्यू, कैलिफ़ोर्निया में है। इसे वर्ष 2015 में Google के पुनर्गठन के माध्यम से बनाया गया था।
राष्ट्रपति बाइडन ने इराक में अमेरिकी युद्ध अभियानों को समाप्त करने की घोषणा की

इस्लामिक स्टेट के पुनरुत्थान के खतरे और बगदाद में ईरान के शक्तिशाली प्रभाव के बीच राष्ट्रपति जो बाइडन ने जोर देकर कहा कि वाशिंगटन हमारे सुरक्षा सहयोग हेतु प्रतिबद्ध है। बाइडन ने कहा कि अमेरिकी सेना इराकी बलों को आइएसआइएस (इस्लामिक स्टेट) के खिलाफ प्रशिक्षण और सहायता देना जारी रखेगी।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और इराक के प्रधानमंत्री मुस्ताफा अल-कादिमी के बीच इराक में 18 साल बाद अमेरिकी सेना के लड़ाकू मिशन को खत्म करने पर समझौता हुआ है। दोनों नेताओं ने 26 जुलाई 2021 को औपचारिक रूप से एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
मैंग्रोव Ecosystem तंत्र संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस

मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस (या विश्व मैंग्रोव दिवस – World Mangrove Day) प्रतिवर्ष 26 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिन मैंग्रोव पारिस्थितिक तंत्र के महत्व के बारे में “एक अद्वितीय, विशेष और कमजोर पारिस्थितिकी तंत्र” के रूप में जागरूकता बढ़ाने और उनके स्थायी प्रबंधन, संरक्षण और उपयोग के लिए समाधान को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। 2015 में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन के सामान्य सम्मेलन द्वारा इस दिन को अपनाया गया था। 1998 में आज ही के दिन ग्रीनपीस के कार्यकर्ता हेहो डेनियल नैनोटो की इक्वाडोर के मुइसने में मैंग्रोव आर्द्रभूमि को फिर से स्थापित करने के लिए एक बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी।
अलेक्जेंडर डेलरिम्पल पुरस्कार मिला

भारतीय नौसेना के वाइस एडमिरल विनय बधवार को उनके हाइड्रोग्राफी और नॉटिकल कार्टोग्राफी में किए गए कार्य के लिए प्रतिष्ठित अलेक्जेंडर डेलरिम्पल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यूके द्वारा दिया जाने वाला यह सम्मान हाइड्रोग्राफी के क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वालों को दिया जाता है।
कांडला बना IGBC Green Cities Platinum Rating हासिल करने वाला पहला SEZ

26 जुलाई, 2021 को कांडला एसईजेड (KASEZ) IGBC Green Cities Platinum Rating for Existing Cities प्राप्त करने वाला पहला SEZ (Special Economic Zone) बन गया गया। CII की इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (Indian Green Building Council) नीतिगत पहलों, ग्रीन मास्टर प्लानिंग और हरित बुनियादी ढांचे के कार्यान्वयन के लिए आईजीबीसी प्लेटिनम रेटिंग प्रदान करती है। यह मान्यता देश के अन्य सभी SEZs को कांडला SEZ द्वारा किए गए प्रयासों और हरित पहल का अनुकरण करने के लिए प्रेरित करेगी।
ब्रिटेन की कोर्ट ने विजय माल्या को दिवालिया घोषित किया

कोर्ट के इस फैसले ने अब किंगफिशर कंपनी पर बकाये की वसूली के लिए विजय माल्या की संपत्ति जब्त करने का रास्ता खोल दिया है। विजय माल्या ने अब बंद हो चुकी अपनी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए भारतीय बैंकों से नौ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज लिया था और जब कंपनी डूबी तो कर्ज चुकाए बिना ही वह लंदन भाग गया।
केंद्रीय एजेंसियां समय-समय पर विजय माल्या से जुड़ी हुईं संपत्तियां जब्त करती रही हैं। पिछले साल दिसंबर महीने में मनी लॉन्ड्रिंग कानून के अंतर्गत प्रवर्तन निदेशालय ने फ्रांस में 14 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। विजय माल्या के खिलाफ भारत के 13 बैंकों ने संघ बनाकर लंदन हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
बी.एस. येदियुरप्पा का कर्नाटक मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा

कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री, बी.एस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) ने 26 जुलाई, 2021 को शीर्ष पद से अपने इस्तीफे की घोषणा की, जब उनकी सरकार ने 2019 में सत्ता में आने के बाद राज्य में दो साल पूरे किए। 78 वर्षीय येदियुरप्पा (Yediyurappa), जिन्हें अक्सर उनके आद्याक्षर BSY द्वारा बुलाया जाता था। आद्याक्षर BSY ने कर्नाटक (Karnataka) के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने चार बार कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था और कर्नाटक के इतिहास में ऐसा करने वाले एकमात्र मुख्यमंत्री थे।